‘World Animal Day’: हर साल 4 अक्टूबर को विश्व पशु दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मानाने के पीछे एक बहुत बड़ा उद्देश्य और महत्त्व है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, यह दिवस जानवरों के महान संरक्षक असीसी केसेंट फ्रांसिस के जन्मदिवस के उपलक्ष्य के रूप में मनाया जाता है। इन्हें जानवरों का महान संरक्षक कहा जाता है। ऐसे में आज विश्व पशु दिवस के अवसर पर इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण रोचक बातें जानने की कोशिश करते हैं।
क्यों मनाया जाता है ‘World Animal Day’?
विश्व पशु दिवस (World Animal Day) हर साल 4 अक्टूबर को मनाया जाता है और इसका उद्देश्य दुनिया भर में जानवरों के अधिकारों और कल्याण के प्रति जागरूकता फैलाना है। जानकारों के अनुसार, यह एक अंतरराष्ट्रीय दिवस है जिसे विभिन्न देशों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।
भले ही लोगों की राष्ट्रीयता, धर्म, आस्था या राजनीतिक विचारधारा अलग हो, इस दिन का उद्देश्य एकजुट होकर जानवरों के प्रति दया और करुणा का प्रसार करना है। जागरूकता और शिक्षा के माध्यम से हम एक ऐसी दुनिया बनाने की कोशिश कर सकते हैं, जहां जानवरों की भावनाओं को समझा जाए और उनके कल्याण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
‘World Animal Day’: जानें महत्त्व ?
- करुणा को बढ़ावा देता है
विश्व पशु दिवस जानवरों के प्रति करुणा, सहानुभूति और जिम्मेदारी के महत्व को रेखांकित करता है। यह दिवस लोगों को यह सोचने के लिए प्रेरित करता है कि जानवरों की भी अपनी भावनाएं और ज़रूरतें होती हैं, जिन्हें हमें समझने और सम्मान देने की आवश्यकता है। इस दिन के माध्यम से, लोगों को ऐसे जीवनशैली विकल्पों और गतिविधियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जो जानवरों की भलाई को प्राथमिकता दें और उनके साथ मानवीय व्यवहार की दिशा में कदम उठाएं। इसका उद्देश्य यह है कि सभी जीवों के प्रति दया और संरक्षण की भावना का विकास हो, ताकि पृथ्वी पर हर जीव के जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया जा सके।
- जागरूकता बढ़ाना
विश्व पशु दिवस का उद्देश्य पशु कल्याण के मानकों में सुधार करना और व्यापक स्तर पर पशु अधिकारों की सुरक्षा के लिए जागरूकता फैलाना है। इस दिन का मूल उद्देश्य विलुप्तप्राय और संकटग्रस्त प्राणियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उनके साथ मानव संबंधों को सुदृढ़ बनाना है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, यह दिवस इस विचारधारा पर आधारित है कि हर जानवर संवेदनशील और अद्वितीय प्राणी है, जिसे समान संवेदना और सामाजिक न्याय का अधिकार मिलना चाहिए।
कई बार प्राकृतिक आपदाओं के दौरान जानवरों के प्रति उपेक्षापूर्ण व्यवहार देखा गया है, और उनकी सुरक्षा के प्रति लापरवाही बरती जाती है। यह दिवस ऐसे असंवेदनशील रवैये को बदलने की दिशा में कार्य करता है, ताकि आपदाओं में भी जानवरों की देखभाल और सुरक्षा के प्रति जिम्मेदार दृष्टिकोण अपनाया जा सके। विश्व पशु दिवस एक ऐसा मंच है जहां व्यक्ति और संगठन मिलकर पशु कल्याण के लिए अपने प्रयासों को एकजुट करते हैं।
‘World Animal Day’: इसके पीछे क्या है इतिहास
विश्व पशु दिवस की शुरुआत जर्मन स्त्री रोग विशेषज्ञ हेनरिक ज़िमरमन ने 1925 में की थी। उन्होंने बर्लिन में स्पोर्ट्स पैलेस में पहला विश्व पशु दिवस आयोजित किया, जिसमें 5,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया। यह आयोजन मूल रूप से 4 अक्टूबर को Assisi के संत फ्रांसिस के पर्व के दिन मनाने के लिए तय किया गया था, क्योंकि संत फ्रांसिस को जानवरों का संरक्षक माना जाता है। हालांकि, उस समय स्थल उपलब्ध न होने के कारण, इसे 24 मार्च को आयोजित किया गया। 1929 से इस दिन को 4 अक्टूबर को ही मनाया जाने लगा।
आज विश्व भर में पशु कल्याण संगठन, सामुदायिक समूह, युवा क्लब, व्यवसाय और व्यक्ति इस अवसर पर जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते हैं। ‘नेचरवॉच फाउंडेशन’ इस दिन को दुनिया भर में प्रचारित करने और भागीदारी बढ़ाने में मदद कर रहा है। यह दिन पशु अधिकारों, उनकी सुरक्षा और उनके साथ मानवीय व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।