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Uttarakhand: केबल ट्रॉली के माध्यम से हुआ अंतिम संस्कार, लोगों ने जताई नाराजगी

Uttarakhand: देश में हो रही लगातार बारिश के कारण कई राज्यों की स्थिति ख़राब हो गई है। बढ़ते जलस्तर के करण लोगों के जीवन में बहुत सी समस्या आ रही है। बता दे कि रानीबाग के दानीजाला गांव में हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश के दौरान वीर योद्धा गोपाल जंग बस्नेत के अंतिम संस्कार में बहुत देरी हो गई। चलिए जानते हैं पूरा मामला

Uttarakhand:सरकार पर दशकों से उपेक्षा का आरोप

यह समस्या तब हुई जब गांव तक जाने वाला ब्रिज नहीं बनाया गया था। भारी बारिश के कारण गौला नदी अपने उफान पर थी, जिससे गांववासियों को बुजुर्ग के शव को केबल ट्रॉली के माध्यम से शहर तक लाना पड़ा। इस बात को लेकर गावं के लोगों के बीच काफी गुस्सा है। अपनी नाराजगी जताते हुए उन्होंने सरकार पर दशकों से उपेक्षा का आरोप लगाया है। 

Uttarakhand: केबल ट्रॉली के माध्यम से हुआ अंतिम संस्कार

जानकारी के अनुसार, गोपाल जंग बस्नेत 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शामिल हुए थे और उनका हाल ही में 78 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके दो बेटे सेना में सेवारत हैं, और उनके अंतिम संस्कार में बाधा का कारण नदियों पर पुलों की कमी रही, जो स्थानीय प्रशासन के लिए एक बड़ी चिंता बन गई है।

Uttarakhand: झूलापुल को लेकर पूरे गांव की मांग अधूरी

गांव वालों ने इस बात को लेकर बताया कि यहां करीब 20 परिवार रहते हैं, लेकिन आज भी इस झूलापुल को लेकर पूरे गांव की दशकों की मांग अधूरी है। हल्द्वानी शहर से कुछ ही दूरी पर बसे इस गांव ने ब्रिटिश आर्मी से लेकर अब तक भारतीय सेना में देश की  पूरी सेवा की है। आज भी लगभग एक दर्जन से अधिक युवा देश की सेवा के लिए सेना में सेवाएं दे रहे हैं। फिर भी उन्हें वे अधिकार नहीं मिलें हैं जिनकी उन्हें जरूरत है।

Uttarakhand: माता-पिता की जान रहती है हलक में

ऐसे में बारिश के दौरान जब गौला नदी उफान पर होती है, तो लोगों को केबल ट्रॉली के माध्यम से आना जाना करना पड़ता है। इतना ही नहीं, बरसात में बच्चों को स्कूल भी इसी केबल ट्रॉली के माध्यम से जाना पड़ता है, जिसको लेकर जब तक बच्चे सकुशल वापस नहीं आ जाते हैं, माता-पिता की जान हलक में रहती है।

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