UP Crime: यह घटना बेहद दुखद और भयावह है। आरोपी गोपाल को अपनी पत्नी ममता के पहले पति की बेटी शगुन बिल्कुल भी पसंद नहीं थी, और मासूम के जन्म के बाद ममता की तबीयत खराब हो गई थी। इसके बावजूद, दंपती ने डॉक्टरों से इलाज कराने के बजाय अंधविश्वास और झाड़-फूंक का सहारा लिया। अंधविश्वास के चलते उन्होंने मासूम की गला घोंटकर हत्या कर दी और शव को जंगल में जला दिया। पुलिस अब तक शव बरामद नहीं कर पाई है, और यह घटना अंधविश्वास के खतरनाक प्रभावों और इंसानियत के पतन को उजागर करती है।
सीओ भोपा रवि शंकर मिश्रा ने थाने में बताया कि गोपाल ने अप्रैल माह में मेरठ के परतापुर की ममता से शादी की थी। शादी के वक्त वह गर्भवती थी। बेलड़ा में एक माह पहले बेटी के जन्म के साथ वह बीमार रहने लगी। दंपती ने बीमारी की वजह बेटी को मान लिया गया।
UP Crime: दंपती ने क्यों ली अपनी बच्ची की जान ?
मिली जानकारी के अनुसार, दोनों ही तंत्र मंत्र की विद्या पर काफी ज्यादा विश्वास करते थे। पूछताछ में दोनों ने बताया कि शगुन के जन्म के बाद से ममता के सिर भूत प्रेत आने लगे थे। उन्होंने यह भी बताया कि दोनों भूत उतारने का बहाना लेकर दंपती ने मंगलवार रात घर पर ही गला दबाकर बेटी की हत्या कर दी।अपनी बच्ची को मौत के घाट उतारने के बाद दोनों पहले जंगल में गए और वहां एक नहर में फेंक आए। दंपती की निशानदेही पर बच्ची के कपड़े, मोपेड, साइकिल बरामद कर लिए। काफी प्रयास के बाद भी शव नहीं मिल सका। आरोपी दंपती का चालान कर दिया गया।
UP Crime: बच्ची के शव को नहर में फेका
आपको बता दें कि, जन्म के बाद से ही गोपाल शगुन से काफी नफरत कर रहा था। पहले गला दबाकर हत्या की और इसके बाद पति-पत्नी काले कपड़े में शव लपेट कर मोपेड पर सवार होकर रहमतपुर मार्ग पर पहुंचे। यहां खेत में शव फेंक आए। घर आकर गोपाल ने नहाकर पूजा की। रात में एक बार फिर साइकिल पर गोपाल जंगल पहुंचा और शव को उठाकर वहां से दो किमी दूर बेलड़ा गंगनहर में फेंक आया। जबकि पहले दंपती ने बच्ची की मौत बीमारी से बताकर पुलिस को गुमराह किया था। लेकिन क्षेत्र में लगे सीसीटीवी फुटेज ने सच खोलकर रख दिया।
UP Crime: गोपाल की ये महिला थी तीसरी पत्नी
सूत्रों के मुताबिक, आरोपी गोपाल की पहली शादी 2011 में कोमल से हुई थी, जिससे उनकी दो बेटियां थीं। लेकिन 2015 में कोमल गोपाल से अलग हो गई और उसके बड़े भाई दीपक के साथ रहने लगी। गोपाल ने दूसरी शादी भी की, लेकिन वह पत्नी भी उसे छोड़ कर चली गई। इस साल अप्रैल में, गोपाल ने तीसरी शादी गर्भवती ममता से की, जो अपनी पहली शादी से असंतुष्ट थी।
गोपाल और ममता ने मिलकर अपने परिवार की नई बेटी को अपनाने के बजाय उसे बोझ समझा और अंधविश्वास के चलते उसकी बलि दे दी। यह घटना अंधविश्वास और पारिवारिक टूटन के कारण हुए अपराध को उजागर करती है। पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन यह घटना समाज में फैले अंधविश्वास और मानवीय मूल्यों के पतन की गंभीरता को दर्शाती है।
UP Crime: आदित्य बंसल ने बताया कि अंधविश्वास में हत्या की।
एसपी देहात आदित्य बंसल ने बताया कि अंधविश्वास में हत्या की। आरोपी ममता ने बताया कि उसके सिर भूत प्रेत का साया आता था। ममता ने बताया कि घटना वाली रात में प्रेत ने सिर आकर कहा था कि बच्ची न तेरी है न किसी की है। इसलिए बच्ची उसे दे दो। इसके बाद घटना को अंजाम दिया गया।
UP Crime: पूरे गावं में कैसे फैली चर्चा
सीओ भोपा ने यह भी जानकारी दी कि, बच्ची का जन्म कुछ दिन पहले ही हुआ था। इसलिए ममता को दूध आता था। जिससे वह परेशान थी। गोपाल ने गांव में ही एक मेडिकल स्टोर के यहां जाकर दूध सुखाने की दवाई देने को कहा तो उससे कारण पूछा गया। उसने बेटी की मौत होने की बात बताते हुए दवाई देने को कहा। इसके बाद से यह बात पूरे गांव में फैल गई थी। मामला पुलिस तक जा पहुंची थी।
UP Crime: जानें क्या था पूरा मामला
बेलड़ा में गोपाल की पत्नी ममता ने एक महीने पहले बेटी को जन्म दिया था, जिसका नाम शगुन रखा गया था। हाल के दिनों में बच्ची के रोने की आवाज न आने से पड़ोसियों को कुछ संदिग्ध महसूस हुआ, जिसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा। पुलिस ने बुधवार रात को घर की तलाशी ली, लेकिन बच्ची का शव नहीं मिला। दोनों आरोपी, गोपाल और ममता, को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अब बृहस्पतिवार को जंगल में बच्ची की तलाश कर रही है, जहां आरोपियों ने उसे ले जाकर कथित रूप से जला दिया था। इस दुखद घटना ने इलाके में अंधविश्वास और निर्दयता को उजागर किया है।
UP Crime: डॉ.अर्पण जैन ने इस बीमारी को लेकर किया खुलासा
जिला अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. अर्पण जैन बताते हैं कि महिलाओं में शिशु को जन्म देने के सवा महीने के भीतर पोस्ट पार्टम साइकोसिस (प्रसवोत्तर मनोविकृति) की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस स्थिति में मां को ऐसा भ्रम हो सकता है कि बच्चे के अंदर कोई आत्मा है या वह बच्चे को किसी तरह की हानि पहुंचा सकती है। यह मानसिक विकार अत्यंत गंभीर हो सकता है, और ऐसे मामलों में झाड़फूंक के बजाय तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है। तीमारदारों को इस दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और बच्चे को ऐसी स्थिति में मां से सुरक्षित दूरी पर रखना चाहिए।