spot_img
Homeविशेष दिवसSharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा के दिन क्यों बनाया जाता है खीर...

Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा के दिन क्यों बनाया जाता है खीर ? जानें इसके पीछे की कहानी

Sharad Purnima 2024: भारत एक ऐसा देश है जहां पर सभी पर्व को बहुत धूम धाम के साथ मनाया जाता है। वहीं हिन्दू मान्यता के अनुसार हर त्योहार का अपना अलग महत्त्व और अलग कहानी होती है। आज देश में शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है जो की बेहद खास होता है। इस दिन को कोजागरी पूर्णिमा, रास पूर्णिमा भी कहते हैं। आज के दिन सभी लोग रात के समय खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखते हैंऔर बाद में उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। 

Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी की समुद्र मंथन से उत्पत्ति शरद पूर्णिमा के दिन ही हुई थी। इसलिए इस तिथि को धन-दायक भी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर विचरण करती हैं और जो लोग रात्रि में जागकर मां लक्ष्मी का पूजन करते हैं, वे उस पर अपनी कृपा बरसाती हैं और धन-वैभव प्रदान करती हैं।

Sharad Purnima 2024: क्या चंद्रमा के किरणों से होती है अमृत की बरसात ?

शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ होता और पृथ्वी पर चारों चंद्रमा की उजियारी फैली होती है। धरती जैसे दूधिया रोशनी में नहा जाती है। माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत की बरसात होती है, इसलिए रात्रि में चांद की रोशनी में खीर रखने की परंपरा भी है। 

Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा के दिन ऐसे करें माता लक्ष्मी की पूजा

 हिन्दू शास्त्र में आज के दिन की अलग मान्यता होती है क्योंकि इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करन चाहिए।लेकिन अगर आप नदी में स्नान नहीं कर सकते तो घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अब एक लकड़ी की चौकी या पाटे पर लाल कपड़ा बिछाएं और गंगाजल से शुद्ध करें। चौकी के ऊपर मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें और लाल चुनरी पहनाएं। अब लाल फूल, इत्र, नैवेद्य, धूप-दीप, सुपारी आदि से मां लक्ष्मी का विधिवत पूजन करें। इसके बाद मां लक्ष्मी के समक्ष लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।

 जब पूजा संपन्न हो जाएं तो आरती करें। संध्या के समय फिर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करें और चंद्रमा को अर्घ्य दें। चावल और गाय के दूध की खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखें। मध्य रात्रि में मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं और प्रसाद के रुप में परिवार के सभी सदस्यों को खिलाएं।ऐसा माना जाता है कि अगर इस खीर को जो भी व्यक्ति खाता है रोग मुक्त हो जाता है, साथ ही उसके शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रही है

RELATED ARTICLES

Most Popular

error: Content is protected !!