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RATAN TATA: देश ने खो दिया अपना असली हीरा, भारत में दौड़ी शोक की लहर

RATAN TATA: देश ने अपना कीमत ‘रतन‘ खो दिया है। इस ख़बर के बाद भारत में शोक की लहर दौड़ गई है।शायद ही ऐसा कोई इंसान होगा जो इनकी मृत्यु की सुचना पर उदास नहीं हुआ होगा। देखा जाएं तो रतन जी बहुत अच्छे इंसान थे। इनकी इंसानियत पर सभी लोग फ़िदा थे।

RATAN TATA: कैसे और कहां हुआ निधन ?

एक ऐसा व्यक्ति जो इंसान के साथ जानवरों को भी बेहद प्यार करता था वह रतन टाटा थे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, टाटा समूह के मानद चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार देर रात निधन हो गया। उनकी उम्र 86 वर्ष थी। पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा ने दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रात साढ़े 11 बजे अंतिम सांसे ली। वह पिछले कुछ दिनों से ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती भी थे।

RATAN TATA: टाटा परिवार ने उनकी मृत्यु को लेकर क्या कहा ?

टाटा के परिवार ने एक बयान में कहा, ‘हम, उनके भाई, बहन और परिवार, उन सभी लोगों से मिले प्यार और सम्मान से सांत्वना और सुकून पाते हैं, जो उनका सम्मान करते थे। हालांकि, अब रतन टाटा व्यक्तिगत रूप से हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी विनम्रता, उदारता और उद्देश्य की विरासत भावी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।’

RATAN TATA: वह वास्तव में एक असाधारण नेतृत्वकर्ता थे- एन.चंद्रशेखरन

टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने रतन टाटा को अपना मित्र और मार्गदर्शक बताया। चंद्रशेखरन ने कहा, हम रतन नवल टाटा को गहरे दुख के साथ विदाई दे रहे हैं। वह वास्तव में एक असाधारण नेतृत्वकर्ता थे, जिनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा समूह को बल्कि हमारे राष्ट्र के ताने-बाने को भी आकार दिया है।’

RATAN TATA: रतन टाटा का आखिरी सोशल मीडिया पोस्ट

रतन टाटा के निधन के बाद उनका अंतिम सोशल मीडिया पोस्ट काफी सुर्ख़ियों में हैं, जो उन्होंने बीते सोमवार को किया था। इसमें उन्होंने अपने स्वास्थ्य को लेकर लगाई जा रहीं अटकलों का खंडन किया था और कहा था कि वह बिल्कुल ठीक हैं। रतन टाटा ने कहा था, ‘ये दावे निराधार हैं। मैं उम्र संबंधी बीमारियों के कारण अभी चिकित्सकीय जांच करा रहा हूं। चिंता की कोई बात नहीं है। मैं सहीं हूं। गलत जानकारी फैलाने से बचें।’

RATAN TATA: क्यों किया गया था पोस्ट ?

दरअसल, इनकी सेहत को लेकर कई ऐसी ख़बरों सोशल मीडिया पर फ़ैल रही थी। लेकिन ऐसा दावा किया जा रहा था कि, उनका BP लो होने के कारण टाटा जी को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल ले जाया गया। इसे लेकर उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट किया, जिसमें टाटा ने कहा, ‘मुझे अपने स्वास्थ्य के बारे में हाल ही में फैली अफवाहों की जानकारी है और मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये दावे निराधार हैं।’

RATAN TATA: किन राज्यों में राजकीय शोक का ऐलान ?

रतन टाटा के निधन के बाद कुछ राज्यों में शोक की लहर दौड़ रही है। जानकारी के अनुसार,  महाराष्ट्र और झारखंड सरकार ने एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। रतन टाटा के सम्मान में दोनों राज्य सरकारों ने राजकीय शोक का ऐलान किया है। इस दौरान जितने भी सरकारी दफ्तरों मौजूद हैं वहां पर राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे और किसी भी तरह के मनोरंजन के कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा। महाराष्ट्र के सीएम शिंदे ने रतन टाटा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान से किए जाने का निर्देश दिया है।

RATAN TATA: नैतिकता और उद्यमशीलता का एक आदर्श उदाहरण बताया

एकनाथ शिंदे ने रतन टाटा की सराहना करते हुए उन्हें नैतिकता और उद्यमशीलता का एक आदर्श उदाहरण बताया। शिंदे ने कहा कि टाटा ग्रुप की 150 वर्षों की उत्कृष्टता और अखंडता की परंपरा को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने वाले रतन टाटा एक जीवित किवदंती हैं। उनकी निर्णय क्षमता और मानसिक दृढ़ता ने टाटा समूह को औद्योगिक ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। शिंदे ने अपने बयान में रतन टाटा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की, जो टाटा समूह और भारत के औद्योगिक विकास में उनके योगदान को रेखांकित करता है।

वहीं झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “झारखंड जैसे पिछड़े राज्य को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने वाले टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन और पद्म विभूषण रतन टाटा जी के निधन पर एक दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की गई है।

मशहूर उद्योगपति रतन टाटा 86 साल के थे। 28 दिसंबर 1937 को उनका जन्म हुआ था। वे 1991 से 2021 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे। इस दौरान उन्होंने बिजनेस सेक्टर में कई कीर्तिमान स्थापित करते हुए देश के सबसे पुराने कारोबारी घरानों में से एक टाटा को नई बुलंदियों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।

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