Pitru Paksha 2024: हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है जैसे कि इस साल ये तिथि आज के दिन यानि 17 सितंबर 2024 मंगलवार के दिन पड़ रही है। बता दें कि आज के दिन से श्राद्ध पक्ष प्रारंभ हो जायगा। जानकारी के मुताबिक, इस दौरान बहुत से कार्यों पर रोक लग जाती हैं चलिए जानते है।
इस समय की ऐसी परम्परा है कि लोग अपने-अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए उनका श्राद्ध करते हैं और पिंड दान करते हैं। आप सभी को बता दें कि पिंडदान हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण कर्म है, जो पितरों की आत्मा की शांति और उनके मोक्ष प्राप्ति के लिए किया जाता है।
और बहुत से लोग ऐसे भी है जो अपने घर में ही पिंड दान करते हैं लेकिन इसके लिए भारत में कई ऐसे पवित्र स्थान हैं, जहां पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहां इस आर्टिकल में हम आपको उन्हीं स्थानों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां जाकर आप भी अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान कर सकते है।
Pitru Paksha 2024: बनारस
दुनियाभर में बनारस अपनी सुन्दरता और प्राचीनता के कारण पुरे देश विदेश में जाना जाता है। सबसे जरुरी बात यह है कि इसे सबसे प्राचीन शहरों में गिना जाता है। इसे महाकाल की नगरी और मोक्ष की नगरी भी कहा जाता है।
ऐसी मान्यता है कि यहां गंगा नदी के तट पर पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है। इसी के चलते पितृपक्ष में यहां काफी भीड़ होती है।
Pitru Paksha 2024: हरिद्वार
हरिद्वार को धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण बहुत पवित्र माना जाता है। यहाँ हर की पौड़ी जैसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं, जहाँ लाखों लोग गंगा स्नान के लिए आते हैं। गंगा में डुबकी लगाने से और पिंडदान करने से आत्मा की शांति और मोक्ष की प्राप्ति की आशा होती है। यहाँ का माहौल और धार्मिक रिवाज़ भी इसे एक विशेष स्थान बनाते हैं।
Pitru Paksha 2024: गया
गया धाम भी पिंडदान और श्राद्ध कर्म के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है। यहाँ पर फल्गु नदी के किनारे पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलने की मान्यता है। गया में विष्णुपद मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है, जहाँ विष्णु जी के पदचिह्न के दर्शन करने की परंपरा है। यह स्थान धार्मिक आस्था और पवित्रता के लिए एक प्रमुख केंद्र है, जहाँ लोग अपनी परंपराओं और कर्तव्यों को निभाने के लिए आते हैं।
Pitru Paksha 2024: बद्रीनाथ
बता दें कि बद्रीनाथ धाम में पिंडदान करना सबसे ज्यादा पुण्यकारी माना जाता है और ऐसा कहा जाता है कि यहां पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को मुक्ति प्राप्त होती है। ये स्थान अलकनंदा तट पर बसा है, जहां ब्रह्म कपाल घाट है। इसी घाट पर पिंडदान करना अच्छा माना जाता है।
Pitru Paksha 2024: अयोध्या
आपको जानकर हैरानी होगी कि अयोध्या का धार्मिक महत्व भी बहुत अधिक है, खासकर पितृपक्ष के समय में क्यों कि सरयू नदी के तट पर पिंडदान और श्राद्ध कर्म करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। यहाँ पर आप आसानी से पूजा करा सकते हैं क्योंकि पूजा विधिपूर्वक कराने के लिए कई पंडित मौजूद होते हैं, जो सभी धार्मिक अनुष्ठान और रीतियों को सही तरीके से निभाते हैं। सबसे बड़ी बात यह कि यहां पर अयोध्या में श्रीराम का जन्मस्थान भी है,
जिससे यहाँ की पवित्रता और धार्मिक महत्व और भी बढ़ावा मिलता है। यहाँ जाकर अपने पूर्वजों के लिए पूजा कराने से आपको और आपके परिवार को शांति और आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है।