spot_img
Homeप्रदेशOld Diwali: कहां और क्यों मनाई जाती है बूढ़ी दिवाली ? इस...

Old Diwali: कहां और क्यों मनाई जाती है बूढ़ी दिवाली ? इस पर्व की क्या है ख़ासियत

Old Diwali: दिवाली के त्योहार को लेकर देशभर में जश्न की तैयारियां जोरो-शोरों से हो रही है। दिवाली का जश्न देश के हर कोने में खास होता है लेकिन कुछ जगहें ऐसी हैं जहां पर अनोखे तरह से दिवाली मनाते हैं। हम बात कर रहे हैं हिमाचल प्रदेश की बूढ़ी दिवाली की इसे इगास पर्व के नाम से जाना जाता है। अगर इस दिवाली कुछ नया करने का प्लान कर रहे हैं तो आप बूढ़ी दिवाली मना सकते है। चलिए जानते हैं इसकी खासियत…

Old Diwali: क्यों और कहां मनाई जाती है बूढ़ी दिवाली ?

हिमाचल प्रदेश में बूढ़ी दिवाली या इगास पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं यहां के कुल्लू में दिवाली के एक महीने बाद यहां पर बूढ़ी दिवाली को सेलिब्रेट किया जाता है। हिमाचल प्रदेश, देश का पहाड़ी हिस्सा है जिसकी संस्कृति अपने आम में बेहद खास है। यहां पर घूमने आने वाले पर्यटकों की संख्या काफी नजर आती है। बूढ़ी दिवाली की खासियत यह है कि, हिमाचल प्रदेश में इस दिन दीपक तो घरों में जलाए ही जाते हैं साथ ही हाथों में जलती हुई मशाल लेकर उत्सव मनाया जाता है।

इस दिन पर हिमाचल की संस्कृति का चित्रण होता है और इस दिन लोक गीत गाए जाते हैं और पारंपरिक नृत्य की झलक देखने के लिए मिलती है। इसके अलावा इस दिन दिवाली पर कई प्रोग्राम आयोजित होते हैं, जिन्हें देखना अच्छा लगता है।

Old Diwali: जानें इस पर क्या है ख़ासियत ?

यहां पर कुल्लू में मनाई जा रही बूढ़ी दिवाली की बात करें तो, इसका जश्न खास रूप से निरमंड में देखने के लिए मिलता हैं जहां पर सिरमौर, शिमला, जनजातीय जिला लाहुल स्पीति, आदि में अनोखे रंग से इस दिवाली को मनाया जाता है। इस पर्व में इलाके की पुरातन संस्कृति की झलक देखने के लिए मिलती है। प्रकाशोत्सव के प्रतीक के रूप में यहां पर मशालें जलाई जाती है और पारंपरिक वाद्य यंत्रों की थाप पर लोग झूम उठते हैं। इसे लेकर बताते हैं कि, यह पर्व वैदिक काल से चला आ रहा है।

इसका बर्णय ऋग्वेद में भी मिलता है। इसके अलावा रामायण और महाभारत से इस पर्व का जुड़ाव देखने के लिए मिलता हैं। कहते हैं कि, कौरव और पांडव के प्रतीक के तौर पर दो दल रस्साकशी करेंगे। विशेष तौर से बनाई गई मूंजी घास के रस्से से दोनों दल एक-दूसरे के साथ शक्ति प्रदर्शन करते है।

Old Diwali: कितना सुन्दर है कुल्लू

यहां पर हिमाचल की यह खुबसूरत जगह कुल्लू पहाड़ों वाला क्षेत्र है जहां पर शांति और सुकून के साथ समय बिताया जा सकता है। इस कुल्लू में श्री हनोगी मंदिर जा सकते हैं। ये मंदिर ब्यास नदी के किनारे पर बना हुआ है और यहां के दृश्य भी मनोरम होते हैं। इसके अलावा यहां पर घुमने के लिए आप अन्य जगहों में गुरुद्वारा मणिकर्ण साहिब, रघुनाथ टेम्पल, बिजली महादेव मंदिर, कैसरघर, भृगु झील, खीर गंगा जैसी खूबसूरत जगहों की भी सैर कर सकते है। दिवाली का जश्न इस बार 31 अक्टूबर को देशभर में मनाया जाने वाला है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

error: Content is protected !!