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Navratri 2024: आज नवरात्रि का दूसरा दिन, इस तरह करें मां को प्रसन्न..

Navratri 2024: भारत एक ऐसा देश है जहां पर सभी पर्वों को बहुत धूम-धाम के साथ बनाया जाता है। इस वक्त देश में नवरात्रि की धूम बाजारों में देखने को मिल रही है। बता दें कि, नवरात्रि के 9 दिनों में देवी दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। आज नवरात्रि का दूसरा दिन है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। इस दिन देवी मां के इस स्वरूप की आराधना का ख़ास महत्त्व होता है.

मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है। इसलिए वे स्टूडेंट और ज्ञान प्राप्त करने के इच्छुक लोगों की आराध्य देवी हैं। आइए जानते हैं, नवरात्रि के दूसरे दिन की देवी मां ब्रह्मचारिणी की उत्पत्ति कथा क्या है और इनकी पूजा से क्या-क्या फल प्राप्त होते हैं?

Navratri 2024: करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा?

ऐसा कहा जाता है कि, या फिर ऐसी मान्यता है कि जो लोग कठिन परिश्रम और लगन से काम करते हैं, उन्हें मां ब्रह्मचारिणी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

ज्ञान प्राप्ति: मां ब्रह्मचारिणी ज्ञान की देवी हैं। उनकी पूजा करने से बुद्धि में वृद्धि होती है और ज्ञान प्राप्त करने में सफलता मिलती है।

मन की शांति: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है।

Navratri 2024: जानें कथा

मां ब्रह्मचारिणी अपने दिव्य स्वरूप में देवी ज्योतिर्मय और अनंत दिव्य है। माता रानी के दाएं हाथ में जप की माला और बाएं हाथ में कमण्डल है। आइए जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी की उत्पत्ति की कथा।।।

“देवी सती ने अपना अगला जन्म लेकर पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया था। देवर्षि नारद के सुझाव पर उन्होंने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। कहते हैं, मां ब्रह्मचारिणी ने अपनी तपस्या के एक हजार वर्ष तक सिर्फ फल-फूल का सेवन किया।

इसके बाद उन्होंने तकरीबन 3 हजार वर्षों तक टूटे हुए बेलपत्र का सेवन कर भगवान शिव की आराधना कीं। इसके बाद कई हजार वर्षों तक मां ब्रह्मचारिणी ने निराहार रहकर तपस्या कीं, जिसके परिणामस्वरूप इन्हें तपश्चारिणी और ब्रह्मचारिणी कहा जाने लगा।

कठोर तपस्या के कारण मां ब्रह्मचारिणी का शरीर क्षीण हो गया। मां ब्रह्मचारिणी की तपस्या को सभी देवता गण, ऋषि, मुनि ने सराहा और कहा कि अब तक किसी ने ऐसी तपस्या नहीं की। ऋषिगणों ने कहा कि जल्द ही आपको (मां ब्रह्मचारिणी) भगवान शिव जी पति रूप में प्राप्त होंगे। मान्यता है कि माता पार्वती ने कठिन तप में कई वर्षों तक निराहार और अत्यंत कठोर तपस्या करके महादेव भगवान शिव को प्रसन्न कर लिया और पति के रूप में प्राप्त किया।”

Navratri 2024: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा मिलेगा लाभ?

मां ब्रह्मचारिणी की कथा से यह शिक्षा मिलती है कि कठिन परिस्थितियों में धैर्य और दृढ़ता बनाए रखना आवश्यक है। विपरीत परिस्थितियाँ व्यक्ति की आंतरिक शक्ति और सहनशक्ति की परीक्षा लेती हैं, लेकिन मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से व्यक्ति मानसिक स्थिरता और शांति प्राप्त कर सकता है। यह विश्वास है कि उनकी पूजा से भक्त अपने जीवन के महत्वपूर्ण कार्यों में सफल होते हैं और आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर होते हैं। इस कथा का सार यह है कि धैर्य, साहस और संकल्प के साथ जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करना चाहिए, जिससे अंततः सफलता और संतोष प्राप्त होता है।

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