MP Rashid: इंजीनियर राशिद, जिन्हें शेख अब्दुल राशिद के नाम से भी जाना जाता है, वे अपनी बड़ी जीत को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ एक जनमत संग्रह करार दिया है। उन्होंने अपनी जीत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बड़ी राजनीतिक सफलता के रूप में बताया। राशिद, जो निर्दलीय सांसद हैं, उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में वे प्रधानमंत्री मोदी से भी बड़े अंतर से जीत हासिल की, जो उनके लिए व्यक्तिगत रूप से और जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है।
राशिद की इस जीत को अनुच्छेद 370 के प्रति जनता की भावना के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि यह क्षेत्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है।
MP Rashid: 370 हटाए जाने के खिलाफ जनमत संग्रह
इंजीनियर राशिद, जो हाल ही में तिहाड़ जेल से पांच साल बाद रिहा हुए हैं, एक कार्यक्रम में अपनी जीत को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ जनमत संग्रह के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा, “मैंने बारामुल्ला से लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी से भी बड़े अंतर से जीत हासिल की है। मेरे पक्ष में डाले गए वोट 5 अगस्त, 2019 को जो हुआ, उसके खिलाफ जनमत संग्रह थे।”
इंजीनियर राशिद का यह बयान उनके समर्थकों द्वारा अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के खिलाफ असंतोष और विरोध का प्रतीक है। उन्होंने अपनी जीत को इस फैसले के प्रति जनता की नकारात्मक प्रतिक्रिया के रूप में प्रस्तुत किया। 5 अगस्त, 2019 को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया, जिससे राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया। इस फैसले ने जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक और सामाजिक ढांचे में बड़ा बदलाव लाया, और राशिद का दावा है कि उनके पक्ष में डाले गए वोट इसी बदलाव के प्रति जनता की नाराजगी को दर्शाते हैं।
MP Rashid: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “नया कश्मीर” की नीति पर कटाक्ष
अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के प्रमुख इंजीनियर राशिद की तिहाड़ जेल से अंतरिम जमानत पर रिहाई को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने आरोप लगाया है कि उनकी रिहाई आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा विपक्ष के वोट काटने के उद्देश्य से की गई है। राशिद 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत जेल में थे।
रिहाई के बाद, राशिद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “नया कश्मीर” की नीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह इसके खिलाफ संघर्ष करेंगे। यह टिप्पणी दर्शाती है कि वह अपनी राजनीतिक भूमिका को फिर से मजबूत करने और केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध करने की तैयारी में हैं।
MP Rashid: उमर अब्दुला पर लगाए कई आरोप
उन्होंने कहा, “यह कश्मीर उनके पिता की संपत्ति नहीं है। मेरी जीत सिर्फ मेरी नहीं है, यह मोदी के ‘नया कश्मीर’ विजन की हार है।” रशीद ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती पर कश्मीर को नष्ट करने का आरोप लगाया और कहा कि वह क्षेत्र के लोगों के लिए लड़ते रहेंगे। उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए, जिन्हें उन्होंने बारामूला लोकसभा सीट से हराया था, रशीद ने कहा कि वह साढ़े पांच साल तक तिहाड़ में सचमुच मर रहे थे जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता लंदन में छिपे हुए थे।