दिल्ली(Delhi) और अन्य राज्यों में बढ़ता प्रदूषण: एक गहराती समस्या
1. परिचय
दिल्ली(Delhi) और अन्य उत्तर भारतीय राज्यों में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन गया है। हर साल सर्दियों के मौसम में यह संकट और भी बढ़ जाता है। इस वर्ष भी दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बेहद खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है, जिससे सामान्य जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। विशेषज्ञों ने इसे ‘स्वास्थ्य आपातकाल’ करार दिया है।
2. वायु गुणवत्ता की मौजूदा स्थिति
दिल्ली(Delhi) में वायु गुणवत्ता का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में है। कई जगहों पर AQI 400 से ऊपर रिकॉर्ड किया गया, जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। अन्य प्रभावित क्षेत्रों में नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद शामिल हैं। पूरे उत्तर भारत में यह समस्या व्याप्त है, जिसमें लखनऊ, पटना, और वाराणसी जैसे शहर भी शामिल हैं
3. प्रदूषण के प्रमुख कारण
3.1 पराली जलाना
हर साल अक्टूबर-नवंबर में पंजाब और हरियाणा के किसान खेतों में पराली जलाते हैं। यह प्रदूषण का एक प्रमुख स्रोत है। पराली जलाने से निकलने वाला धुआं दिल्ली तक पहुंचता है, जिससे यहां की वायु गुणवत्ता तेजी से गिरती है।
3.2 वाहनों का धुआं
दिल्ली में वाहनों की संख्या करोड़ों में है। पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहन वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण हैं।
3.3 औद्योगिक उत्सर्जन
दिल्ली के आसपास के औद्योगिक क्षेत्र भी बड़ी मात्रा में हानिकारक गैसों का उत्सर्जन करते हैं। इनमें से कई उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण के उपायों का पालन नहीं किया जाता।
3.4 निर्माण गतिविधियां
निर्माण स्थलों से निकलने वाली धूल भी वायु प्रदूषण में योगदान करती है। सरकार ने कई बार निर्माण गतिविधियों पर रोक लगाई है, लेकिन इसके बावजूद धूल प्रदूषण बना रहता है।
4. प्रदूषण का स्वास्थ्य पर प्रभाव
4.1 सांस से जुड़ी बीमारियां
प्रदूषित वायु के कारण अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) जैसी बीमारियों में तेजी से इजाफा हुआ है।
4.2 हृदय रोग
वायु प्रदूषण हृदय रोगों का भी कारण बनता है। यह रक्तचाप बढ़ाने और हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचाने में भूमिका निभाता है।
4.3 आंखों और त्वचा पर प्रभाव
प्रदूषण से आंखों में जलन, खुजली, और त्वचा की एलर्जी जैसी समस्याएं आम हो गई हैं।
5. दिल्ली सरकार के कदम
5.1 ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP)
सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए GRAP लागू किया है। इसमें विभिन्न स्तरों के प्रदूषण के अनुसार उपाय किए जाते हैं, जैसे निर्माण गतिविधियों पर रोक, डीजल जनरेटर के उपयोग पर प्रतिबंध, और वाहनों की ऑड-ईवन स्कीम।
5.2 वायु गुणवत्ता सुधार योजनाएं
दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता सुधार के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। इनमें इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा, सार्वजनिक परिवहन का विस्तार, और सड़कों पर पानी का छिड़काव शामिल है।
5.3 पराली जलाने पर नियंत्रण
पंजाब और हरियाणा सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार ने पराली जलाने पर नियंत्रण के लिए कदम उठाए हैं। इसमें किसानों को मशीनरी और अन्य संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं।
6. लोगों की भूमिका
6.1 जागरूकता अभियान
प्रदूषण से निपटने के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। वे अपने स्तर पर प्रदूषण को कम करने में योगदान दे सकते हैं, जैसे सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना और घरों में ऊर्जा की खपत को कम करना।
6.2 श्रमिक और निजी क्षेत्र का सहयोग
निजी क्षेत्र और निर्माण उद्योगों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। प्रदूषण को कम करने के लिए पर्यावरण अनुकूल तकनीकों का उपयोग आवश्यक है।
7. समाप्ति
दिल्ली और अन्य राज्यों में बढ़ते वायु प्रदूषण पर तत्काल ध्यान देना आवश्यक है। यह समस्या न केवल पर्यावरणीय बल्कि सामाजिक और स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक है। सरकार, उद्योग, और आम नागरिकों के सामूहिक प्रयास से ही इस संकट का समाधान संभव है।
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