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Code of conduct: आचार संहिता के दौरान किन चीजों पर होती है पाबंदी, यहां जानें

Code of conduct: महाराष्ट्र और झारखंड में चुनावी तारीखों को लेकर घोषणा हो चुकी है। बता दें कि, महाराष्ट्र में एक चरण में 20 नंवबर को चुनाव होंगे। वहीं झारखंड में दो चरणों में वोटिंग होगी। मिली जानकारी के मुताबिक, झारखंड में पहला राउंड 13 नंवबर को होगा। जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 20 तारीख को होगी। वहीं चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे।

चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ ही दोनों प्रदेशों में आचार संहिता लागू हो गई है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि आचार संहिता के दौरान किसी प्रदेश की सरकार कैसे काम करती है और इस दौरान पुलिस किसके आर्डर मानती है? साथ ही आचार संहिता के दौरान किन चीजों पर पाबंदी लगाई जाती है? चलिए जानते हैं।

Code of conduct: किन चीजों पर होती है पाबंदी ?

चुनाव के समय हमेशा आचार संहिता लगता है साथ ही यह बहुत जरुरी भी माना जाता है। आपको बता दें कि आचार संहिता एक तरह का कोड ऑफ कंडक्ट होता है जो राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को चुनाव के दौरान कुछ विशिष्ट गतिविधियों से रोकता है। आचार संहिता का केवल यही उद्देश्य रहता है कि जो भी चुनाव चल रहा है वह एक दम स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण हो जाए। जिसके कारण कुछ चीजों पर पाबंदी हो जाती है।

Code of conduct: आचार संहिता के दौरान इन चीजों की होती है मनाही…

अगर साधारण भाषा में कहें तो आचार संहिता के तहत किसी भी धर्म, जाति या समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली बातें करना या ऐसी गतिविधियां करना बिल्कुल मना है। साथ ही सरकारी सुविधाओं, जैसे कि वाहन, कर्मचारी या धन का चुनाव प्रचार के लिए दुरुपयोग करना प्रतिबंधित है।

इसके साथ झूठी या भ्रामक जानकारी फैलाना, दुष्प्रचार करना या किसी अन्य उम्मीदवार के खिलाफ निराधार आरोप लगाना यह सभी पूर्ण रूप से प्रतिबंधित होता है और मतदाताओं को प्रलोभन देना, धमकाना या किसी भी तरह से प्रभावित करने का प्रयास करना प्रतिबंधित है। वहीं चुनाव प्रचार के लिए एक निश्चित समय सीमा होती है और इस सीमा के बाद चुनाव प्रचार करना प्रतिबंधित होता है।

Code of conduct: आचार संहिता का उल्लंघन होने पर क्या होता है?

अगर किसी भी व्यक्ति को यह लगता है कि कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार जिसने आचार संहिता का उल्लंघन किया है तो वह आसानी से निर्वाचन आयोग में जाकर शिकायत कर सकता है या फिर दर्ज करा सकता है। इसके बाद निर्वाचन आयोग शिकायत की जांच करता है और यदि आरोप सही पाए जाते हैं।

तो जिस व्यक्ति ने कानून के खिलाफ़ काम किया है उस पर उचित कार्रवाई किया जाता है। साथ ही निर्वाचन आयोग आरोपी दल या उम्मीदवार के खिलाफ कई तरह की कार्रवाई कर सकता है, जैसे कि चेतावनी देना, चुनाव प्रचार रोकना या यहां तक कि उम्मीदवारी रद्द कर देना।

Code of conduct: आचार संहिता को लेकर कैसे काम करती है पुलिस ?

सबसे जरूरी कार्य यह है कि आचार संहिता का पालन करवाना पुलिस की सबसे अहम जिम्मेदारी होती है। साथ ही जो भी व्यक्ति कानून के खिलाफ़ जाकर कोई भी काम करता है तो पुलिस तुरंत कार्रवाई  कर सकती है। चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखना पुलिस का सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता है।

साथ ही पुलिस आचार संहिता का पालन करवाने के लिए गश्त करती है और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखती है। इसके अलावा पुलिस निर्वाचन आयोग द्वारा प्राप्त शिकायतों की जांच करती है और आवश्यक कार्रवाई करती है। पुलिस आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करती है।

Code of conduct: किन पर लागू होते हैं ये सख्त नियम ?

आचार संहिता के दौरान सरकारी अधिकारियों और पुलिस कर्मियों के लिए सख्त नियम लागू होते हैं, ताकि निष्पक्षता और चुनाव प्रक्रिया की शुचिता बनी रहे। इन नियमों के तहत, कोई भी अधिकारी या कर्मचारी किसी भी मंत्री, विधायक या निर्वाचन क्षेत्र के अधिकारी के साथ आधिकारिक चर्चा नहीं कर सकते।

इसके अलावा, कोई भी मंत्री केवल तभी संबंधित विभाग की जिम्मेदारी निभाते हुए या किसी क्षेत्र का दौरा कर सकता है जब कोई आपातकालीन स्थिति हो, जैसे कि प्राकृतिक आपदा। इस स्थिति में, मुख्यमंत्री या मंत्री केवल पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में उस क्षेत्र का दौरा कर सकते हैं, ताकि निष्पक्षता बनी रहे।

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