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महिलाओं की 25% नौकरियों में भागीदारी: वर्तमान स्थिति और समाधान!

प्रस्तावना

भारत जैसे विकासशील देश में महिलाओं की भागीदारी केवल सामाजिक और आर्थिक विकास का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी शक्ति है जो देश की प्रगति को गति देती है। हालांकि, वर्तमान में भारत में महिलाओं की कार्यक्षमता और उनकी भागीदारी चिंता का विषय बनी हुई है।


महिलाओं की भागीदारी के वर्तमान आंकड़े

1. लेबर फोर्स में महिलाओं का प्रतिशत

भारत में महिलाओं की लेबर फोर्स भागीदारी मात्र 25% के करीब है, जो वैश्विक औसत 47% से काफी कम है। यह आंकड़ा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अलग-अलग है, जहां ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी थोड़ी अधिक है।

2. महिला और पुरुषों के बीच वेतन अंतर

भारत में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को औसतन 60% कम वेतन मिलता है। Global Gender Gap Index के अनुसार, भारत वेतन समानता में 140 देशों में 129वें स्थान पर है।


महिलाओं की भागीदारी कम होने के कारण

महिलाओं की 25% नौकरियों में भागीदारी वर्तमान स्थिति और समाधान!
महिलाओं की 25% नौकरियों में भागीदारी वर्तमान स्थिति और समाधान!

3. शादी और परिवार का दबाव

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार, केवल 32% शादीशुदा महिलाएं ही नौकरी करती हैं। शादी के बाद परिवार के दबाव के चलते महिलाएं अपनी नौकरियां छोड़ने के लिए मजबूर होती हैं।

4. सुरक्षा कारण और कार्यस्थल के मुद्दे

सुरक्षा की कमी और कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न जैसी घटनाएं महिलाओं को नौकरी करने से हतोत्साहित करती हैं। विशेषकर, नाइट शिफ्ट्स में महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं।

5. पारिवारिक समर्थन की कमी

एक सर्वे के अनुसार, 43% महिलाओं ने बताया कि परिवार से सहयोग न मिलने की वजह से उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी।

6. असंगठित क्षेत्र में कार्य

90% भारतीय महिलाएं असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं, जहां वेतन और कार्यस्थल के अधिकारों की कमी है।


अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

7. GDP पर असर

यदि भारत में महिला-पुरुष समान भागीदारी हो, तो GDP में 27% तक की वृद्धि हो सकती है। महिलाओं की भागीदारी से देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

8. कंपनियों में मुनाफे की संभावना

McKinsey रिपोर्ट के अनुसार, महिला-नेतृत्व वाली कंपनियां 41% अधिक मुनाफा कमाती हैं।


महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के उपाय

9. सुरक्षित कार्यस्थल का निर्माण

महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कठोर कानून लागू किए जाने चाहिए।

10. पेड मैटरनिटी लीव

महिलाओं को नौकरी में बने रहने के लिए पेड मैटरनिटी लीव और फ्लेक्सिबल वर्किंग शिफ्ट्स दी जानी चाहिए।

11. डिजिटल स्किल्स में प्रशिक्षण

डिजिटल स्किल्स में महिलाओं को प्रशिक्षित कर उनके लिए ऑनलाइन और वर्क फ्रॉम होम के अवसर खोले जा सकते हैं।

12. स्टार्टअप्स में महिला भागीदारी

महिलाओं को स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार, महिला उद्यमियों द्वारा 15 करोड़ नई नौकरियां पैदा की जा सकती हैं।


महिला सशक्तिकरण के उदाहरण

13. आइसलैंड मॉडल

आइसलैंड महिलाओं के लिए आदर्श है, जहां 42% महिलाएं उच्च पदों पर कार्यरत हैं। यहां कंपनियों में 40% महिलाओं का प्रतिनिधित्व अनिवार्य है।

14. भारतीय स्टार्टअप्स में महिलाएं

भारत में महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को बढ़ावा देकर उनकी भागीदारी को नई ऊंचाई पर ले जाया जा सकता है।


महिलाओं के लिए संभावनाएं

15. टेक्नोलॉजी सेक्टर में अवसर

2024 तक टेक्नोलॉजी सेक्टर में महिलाओं की भागीदारी 35% तक पहुंच गई है। यह क्षेत्र महिलाओं के लिए नए दरवाजे खोल रहा है।

16. वर्क फ्रॉम होम और फ्रीलांसिंग

डिजिटल युग में महिलाएं वर्क फ्रॉम होम और फ्रीलांसिंग के जरिए आय अर्जित कर रही हैं।


भविष्य की राह

17. महिला-पुरुष समानता

महिलाओं और पुरुषों के बीच समानता सुनिश्चित करना भारत को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिला सकता है।

18. नीतियों का सख्ती से पालन

सरकार को महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए नीतियों को सख्ती से लागू करना होगा।


निष्कर्ष

19. सामाजिक बदलाव की आवश्यकता

सामाजिक सोच में बदलाव और परिवार का सहयोग महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

20. देश के विकास की कुंजी

महिलाओं की भागीदारी केवल एक सामाजिक मुद्दा नहीं है, यह देश के विकास की कुंजी है। इसे बढ़ावा देने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।

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