Drugs: पिछले दिनों दिल्ली पुलिस और गुजरात पुलिस ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन चलाकर 13 हजार करोड़ का नशीला पदार्थ जब्त किया है। भारत में नशीले पदार्थों की हो रही तस्करी एक बड़ा संकट है। पिछले कुछ सालों और महीनों में ड्रग्स का काला कारोबार कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। राजधानी दिल्ली, गुजरात, पंजाब और पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में बड़ी मात्रा में ड्रग्स और नशीले पदार्थों को जब्त किया गया है।
Drugs: नशीले पदार्थों को दिल्ली समेत पूरे देश में पहुंचाने का काम
इन अवैध रूप से नशीले पदार्थों को राजधानी दिल्ली लाकर देश के कोने-कोने में पहुंचाने का काम शुरू होता है। नशे के इस काले धंधे में बड़े-बड़े गिरोह काम कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और सुरक्षा जांच एजेंसियां ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ कर करोड़ों की ड्रग्स बरामद कर रही हैं। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आखिर भारत के किन रास्तों से अवैध रूप से नशीले पदार्थों और ड्रग्स की ये खेप राजधानी दिल्ली पहुंचाई जा रही है?
इसमें सबसे पहले नाम पंजाब का है। भारत का पंजाब राज्य पाकिस्तान के बॉर्डर से जुड़ा है। जैसा की सबको मालूम है कि अफगानिस्तान में अफीम की खेती की जाती है। अफगानिस्तान के रास्ते अफीम और अन्य नशीले पदार्थ पाकिस्तान आते हैं। इसके बाद बॉर्डर में ड्रोन के सहारे इसे पंजाब पहुंचाया जाता है। यहां पर ड्रग्स के गिरोह के बड़े-बड़े सरगना इस अवैध अफीम, कोकीन और अन्य नशीले पदार्थों को दिल्ली समेत पूरे देश में पहुंचाने का काम करते हैं।
Drugs: 2021 में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट में 3 हजार किलो की हेरोइन जब्त की गई
पंजाब के बाद गुजरात में ड्रग्स और हेरोइन की सबसे ज्यादा खेप पहुंचाई जाती है। गुजरात के मुंद्रा पोर्ट में अरबों रुपये की हेरोइन जब्त की जा चुकी है। गुजरात में समुद्री रास्तों से नशीले पदार्थों की तस्करी होती है। समुद्री रास्तों का इस्तेमाल अंतराष्ट्रीय गिरोह करता है। साल 2021 में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट में लगभग 3 हजार किलो की हेरोइन जब्त की गई थी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी कीमत 21 हजार करोड़ रुपये आंकी गई थी। इस हेरोइन को समुद्री रास्ते से कंटेनर में छिपाकर लाया गया था।
पंजाब और गुजरात के बाद नशीले पदार्थों की तस्करी पूर्वोत्तर भारत के सीमाओं वाले इलाकों से होती है। यहां म्यांमार से बड़ी मात्रा में ड्रग्स, मेथाम फेटा माइन जैसे अन्य नशीली दवाओं को भारत में भेजने का काम होता है। त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड जैसे कई पूर्वोत्तर राज्यों में बड़ी आसानी से नशीले पदार्थों की तस्करी का काम हो रहा है। जहां लाचार लोकल पुलिस व्यवस्था के सहारे बॉर्डर पार से नशीले पदार्थों की तस्करी जोरों से हो रही है।
Drugs: एक दुकान से लगभग 208 किलो कोकेन बरामद की गई
बता दें कि दिल्ली पुलिस और गुजरात पुलिस ने एक संयुक्त अभियान में 7000 करोड़ रुपये कीमत की 518 किलो कोकेन बरामद की है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और गुजरात पुलिस ने गुजरात के अंकलेश्वर में अवकार ड्रग्स लिमिटेड कंपनी की तलाशी में 518 किलोग्राम कोकेन बरामद की। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करीब 5,000 करोड़ रुपये है।
इससे पहले 1 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने महिपालपुर में तुषार गोयल के गोदाम पर छापेमारी करके 562 किलोग्राम कोकीन और 40 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक मारिजुआना की खेप जब्त की थी। जांच के दौरान टीम को पता चला की दिल्ली के रमेश नगर में भारी मात्रा में ड्रग्स को छुपा कर रखा गया है। इसके बाद 10 अक्टूबर को दिल्ली के रमेश नगर की एक दुकान से लगभग 208 किलो कोकेन बरामद की गई।
Drugs: पुलिस ने 168 करोड़ की MD ड्रग्स बरामद की
इसके बाद पुलिस ने अंकलेश्वर की कंपनी पर छापेमारी कर 518 किलोग्राम कोकेन बरामद की। इस मामले में अब तक कुल 1,289 किलोग्राम कोकेन और 40 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक थाईलैंड की मारिजुआना बरामद हो चुका है। इसकी कीमत 13,000 करोड़ रुपये है। वहीं अब तक इस पूरे मामले में 12 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
वही दूसरी ओर, मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में MD ड्रग्स की बड़ी खेप बरामद की गई है। इसका कनेक्शन भी गुजरात से जुड़ा हुआ है। झाबुआ जिले के आदिवासी इलाके को नशे का आदी बनाया जा रहा था। यहां पुलिस ने 168 करोड़ की MD ड्रग्स बरामद की है। मेघनगर की फैक्ट्री से ड्रग्स को जब्त किया गया है। इस मामले में फैक्ट्री के डायरेक्टर समेत 4 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।