Cervical Cancer: भारत ही नहीं दुनियाभर में सर्वाइकल कैंसर का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इस मामलें को लेकर WHO यह जानकारी दी है कि, यह महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे आम कैंसर है आप इस आकड़े को देखकर हैरान हो जाएंगे कि हर साल, करीब 6.6 लाख नए मामले सामने आ रहे हैं। इनमें से 3.5 लाख मौतें होती हैं। यूके में हर साल सर्वाइकल कैंसर के लगभग 3,200 मामले और 800 मौतें होती हैं।
यह खतरा ज्यादातर 30 उम्र की महिलाओं के आसपास होती हैं। अच्छी बात यह है कि इस खतरनाक कैंसर का कारगर इलाज ढूंढ निकाला गया है। 10 साल की टेस्टिंग के बाद मेडिकल साइंस को बड़ी उपलब्धि मिली है। इलाज के नए तरीके से सर्वाइकल कैंसर से मौत का खतरा करीब 40% तक कम हो जाएगा।
Cervical Cancer: कैसे होता है सर्वाइकल कैंसर ?
सर्वाइकल कैंसर का कारण ह्यूमन पैपिलोमा वायरस होता है। यह बीमारी का खतरा तब अधिक बढ़ जाता है जब एक से ज्यादा पार्टनर के साथ संबंध बनाया जाता है साथ ही वेजाइना से ब्लीडिंग होने, ज्यादा लिक्विड डिस्चार्ज होने, बदबू आने और फिजिकल रिलेशन बनाते समय दर्द होने पर सावधान हो जाना चाहिए। ऐसे लक्षण नजर आने पर पैप स्मियर, सर्वाइकल बायोप्सी, पेट का अल्ट्रासाउंड करके जांच की जाती है।
Cervical Cancer: जानें क्या है सर्वाइकल कैंसर का नया ट्रीटमेंट ?
सर्वाइकल कैंसर के इलाज में एक नया ट्रीटमेंट बेहद कारगर साबित हुआ है, जिससे मरीजों की मौत का खतरा 40% तक कम हो जाता है। यह पिछले 25 सालों में सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ सबसे बेहतरीन इलाज माना जा रहा है। इस ट्रीटमेंट में रोगियों को पहले कीमोथेरेपी का एक छोटा कोर्स दिया जाता है।
जिसके बाद उन्हें कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी का संयोजन (कॉम्बिनेशनल) दिया जाता है। इस उपचार को यूके, मैक्सिको, भारत, इटली, और ब्राजील में 10 साल तक चलने वाले टेस्टिंग में सफलता मिली है, जिससे यह एक महत्वपूर्ण चिकित्सा उपलब्धि बन गया है।
Cervical Cancer: इसे लेकर क्या कहना है डॉ. मैरी मैककॉर्मैक ?
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने यह पाया है कि इस नए ट्रीटमेंट से मरीजों की मौत का खतरा तो कम होता ही है, कैंसर के वापस लौटने का खतरा 35% कम हो जाता है। रिसर्च का रिजल्ट लैंसेट मैगजीन में पब्लिश हुए हैं। इस टेस्टिंग के मुख्य डॉ. मैरी मैककॉर्मैक ने कहा, ‘यह सर्वाइकल कैंसर के इलाज में अब तक का सबसे अच्छा इलाज है।’ इसे अब दुनियाभर में लाने की मांग चल रही है। कैंसर रिसर्च यूके के कार्यकारी निदेशक डॉ। इयान फाउल्स ने कहा, ‘यह ट्रीटमेंट सर्वाइकल कैंसर के मरीजों के लिए एक नई उम्मीद की किरण है।’