85 नए केंद्रीय विद्यालयों की स्वीकृति: शिक्षा में नए आयाम
केंद्रीय सरकार ने 85 नए केंद्रीय विद्यालय (केवी) खोलने और कर्नाटक के शिवमोगा में एक मौजूदा केवी के विस्तार को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिससे देश में शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों और अन्य नागरिकों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।
केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना का उद्देश्य
केंद्रीय विद्यालय योजना की शुरुआत 1962 में हुई थी। इसका उद्देश्य केंद्र सरकार और रक्षा कर्मचारियों के बच्चों को समान स्तर की शिक्षा प्रदान करना था। इन विद्यालयों की स्थापना से बच्चों को एक समरूप शैक्षणिक अनुभव मिलता है, चाहे उनके माता-पिता कहीं भी स्थानांतरित हों। इस योजना ने देश के शिक्षा तंत्र में एक मजबूत नींव तैयार की है।
नए केवी: शिक्षा का विस्तार
85 नए केवी की स्थापना से करीब 82,560 छात्र लाभान्वित होंगे। प्रत्येक विद्यालय में लगभग 960 छात्रों के अध्ययन की क्षमता होगी। इसके अलावा, शिवमोगा के मौजूदा केवी में दो अतिरिक्त खंड जोड़े जाएंगे, जिससे वहां पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में इजाफा होगा। यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका
इन 85 नए केवी और एक मौजूदा केवी के विस्तार से 5,388 प्रत्यक्ष स्थायी रोजगार के अवसर सृजित होंगे। प्रत्येक नए केवी में 63 कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, निर्माण कार्य और अन्य संबद्ध गतिविधियों के माध्यम से कई कुशल और अकुशल श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
बजट आवंटन और वित्तीय प्रबंधन
इन विद्यालयों की स्थापना और संचालन के लिए 5872.08 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इसमें 2862.71 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के रूप में और 3009.37 करोड़ रुपये परिचालन व्यय के रूप में शामिल हैं। यह बजट 2025-26 से आठ वर्षों की अवधि में खर्च किया जाएगा।
केंद्रीय विद्यालयों की बढ़ती मांग
आज देश में 1256 केंद्रीय विद्यालय कार्यरत हैं, जिनमें लगभग 13.56 लाख छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। हर साल कक्षा 1 में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह केवी की लोकप्रियता और शिक्षा की उच्च गुणवत्ता का प्रमाण है।
पीएम श्री स्कूल: भविष्य की दिशा
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत अधिकांश केंद्रीय विद्यालयों को पीएम श्री स्कूल के रूप में नामित किया गया है। यह कदम एनईपी 2020 के कार्यान्वयन को दर्शाता है और अन्य स्कूलों के लिए एक अनुकरणीय मॉडल प्रस्तुत करता है। पीएम श्री स्कूल नवीनतम शिक्षण पद्धतियों और उन्नत अवसंरचना के लिए प्रसिद्ध हैं।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रतीक
केंद्रीय विद्यालय अपने उत्कृष्ट शिक्षण और अभिनव शिक्षण विधियों के लिए जाने जाते हैं। सीबीएसई द्वारा आयोजित बोर्ड परीक्षाओं में इन विद्यालयों के छात्रों का प्रदर्शन हमेशा सर्वश्रेष्ठ रहा है। यह इन विद्यालयों में शिक्षा की उच्च गुणवत्ता और अनुशासन का प्रमाण है।
दूरदराज के क्षेत्रों में शिक्षा का विस्तार
केंद्रीय विद्यालय विशेष रूप से उन स्थानों पर खोले जाते हैं, जहां शैक्षणिक संसाधनों की कमी होती है। ये विद्यालय दूरदराज और अविकसित क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। इससे समाज के हर वर्ग को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलती है।
रक्षा और अर्धसैनिक बलों के बच्चों को लाभ
केंद्रीय विद्यालय योजना का मुख्य फोकस रक्षा और अर्धसैनिक बलों के बच्चों पर है। स्थानांतरणीय प्रकृति के कारण, इन बच्चों के लिए एक समान शिक्षा प्रणाली आवश्यक होती है। केवी इस जरूरत को बखूबी पूरा करते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर केवी की उपस्थिति
केंद्रीय विद्यालय संगठन ने न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ी है। वर्तमान में मास्को, काठमांडू और तेहरान में 3 केंद्रीय विद्यालय कार्यरत हैं। ये स्कूल विदेशों में भारतीय समुदाय के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं।
प्रौद्योगिकी और अवसंरचना में सुधार
नए केंद्रीय विद्यालयों में आधुनिक प्रौद्योगिकी और बेहतर अवसंरचना का उपयोग किया जाएगा। यह कदम छात्रों को एक समृद्ध और प्रभावी शिक्षण अनुभव प्रदान करने में सहायक होगा। डिजिटल शिक्षण उपकरण और स्मार्ट कक्षाएं इन विद्यालयों की एक खासियत होंगी।
भविष्य की पीढ़ी के लिए मजबूत नींव
केंद्रीय विद्यालय केवल शिक्षा प्रदान नहीं करते, बल्कि छात्रों को नैतिक और सामाजिक मूल्यों से भी सशक्त बनाते हैं। ये विद्यालय छात्रों में नेतृत्व क्षमता, अनुशासन और समर्पण जैसे गुण विकसित करने में सहायक होते हैं।
केवी की बढ़ती लोकप्रियता
केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए हर साल आवेदन की संख्या बढ़ रही है। यह इनके शिक्षण की गुणवत्ता और विश्वसनीयता को दर्शाता है। छात्रों और अभिभावकों के बीच केवी की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।
समग्र शिक्षा का दृष्टिकोण
सरकार का यह कदम न केवल शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करेगा, बल्कि देश की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में भी योगदान देगा। 85 नए केवी की स्थापना और मौजूदा केवी के विस्तार से भारत का शिक्षा तंत्र और भी मजबूत होगा।
निष्कर्ष
केंद्रीय विद्यालय योजना का यह विस्तार सरकार की दूरदर्शिता और शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे न केवल बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। इस योजना का प्रभाव आने वाले वर्षों में शिक्षा और समाज पर स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।