प्रयागराज महाकुंभ 2025 की भव्य शुरुआत हो चुकी है। पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व के सफल समापन के बाद अब सभी की निगाहें महाकुंभ के सबसे महत्वपूर्ण शाही स्नान पर टिकी हैं, जिसे इस बार ‘अमृत स्नान’ का नाम दिया गया है। महाकुंभ में 13 अखाड़ों को परंपरागत रूप से अमृत स्नान का अवसर दिया जाता है। मेला प्रशासन ने अखाड़ों के स्नान क्रम और समय को तय कर लिया है। आइए जानते हैं इस महापर्व की पूरी जानकारी।
क्या है अमृत स्नान?
अमृत स्नान, जिसे शाही स्नान भी कहा जाता है, महाकुंभ का सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण स्नान होता है। इस दिन सनातन धर्म के 13 प्रमुख अखाड़े पवित्र त्रिवेणी संगम में स्नान करते हैं। यह स्नान आत्मशुद्धि, मोक्ष और पुण्य प्राप्ति के लिए किया जाता है। मान्यता है कि इस स्नान से सभी पापों का नाश होता है और जीवन में अमृत तुल्य सुख प्राप्त होता है।
अमृत स्नान का महत्व
महाकुंभ में अमृत स्नान का विशेष महत्व है। इसे सनातन धर्म के संतों और महंतों के लिए बेहद पवित्र अवसर माना जाता है। मकर संक्रांति के दिन त्रिवेणी संगम पर अमृत स्नान करने का विशेष फल मिलता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
13 अखाड़ों को मिलेगा स्नान का अवसर
महाकुंभ मेला प्रशासन ने परंपरा के अनुसार सभी 13 अखाड़ों को अमृत स्नान का अवसर दिया है। यह अखाड़े सनातन धर्म के विभिन्न पंथों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें संन्यासी, बैरागी और उदासीन अखाड़े शामिल हैं। हर अखाड़े को अपने-अपने समय और क्रम के अनुसार संगम घाट पर स्नान करने का मौका मिलेगा।
स्नान क्रम की जानकारी
अमृत स्नान के लिए अखाड़ों का क्रम निम्नलिखित है:
1. महानिर्वाणी अखाड़ा
महानिर्वाणी अखाड़ा सबसे पहले अमृत स्नान करेगा। मकर संक्रांति के दिन यह अखाड़ा सुबह 5:15 बजे अपने शिविर से प्रस्थान करेगा और 6:15 बजे घाट पर पहुंचेगा। इस अखाड़े को स्नान के लिए 40 मिनट का समय दिया गया है। स्नान के बाद यह अखाड़ा 6:55 बजे घाट से वापस शिविर के लिए रवाना होगा और 7:55 बजे शिविर पहुंचेगा।
2. अटल अखाड़ा
महानिर्वाणी अखाड़े के साथ ही अटल अखाड़ा भी स्नान करेगा। इसका स्नान क्रम और समय महानिर्वाणी अखाड़े के समान रहेगा।
3. तपोनिधि निरंजनी अखाड़ा
दूसरे स्थान पर तपोनिधि निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा का स्नान होगा। यह अखाड़े सुबह 6:05 बजे शिविर से निकलेंगे और 7:05 बजे घाट पर पहुंचेंगे। इन अखाड़ों को भी 40 मिनट स्नान का समय दिया जाएगा। स्नान के बाद वे 7:45 बजे घाट से वापस शिविर लौटेंगे और 8:45 बजे शिविर पहुंचेंगे।
4. आनंद अखाड़ा
तपोनिधि निरंजनी अखाड़े के साथ ही आनंद अखाड़ा भी स्नान करेगा। इसका स्नान क्रम और समय निरंजनी अखाड़े के समान रहेगा।
5. पंचदशनाम जूना अखाड़ा
तीसरे स्थान पर पंचदशनाम जूना अखाड़ा स्नान करेगा। यह अखाड़ा सुबह 7:00 बजे शिविर से निकलेगा और 8:00 बजे घाट पर पहुंचेगा। स्नान के लिए इसे 40 मिनट का समय दिया जाएगा। स्नान के बाद यह 8:40 बजे घाट से रवाना होगा और 9:40 बजे शिविर पहुंचेगा।
6. पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा
पंचदशनाम जूना अखाड़े के साथ ही पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा भी स्नान करेगा। इसका स्नान क्रम और समय जूना अखाड़े के समान रहेगा।
7. पंचाग्नि अखाड़ा
पंचदशनाम जूना अखाड़े के साथ पंचाग्नि अखाड़ा भी स्नान करेगा। इसका स्नान क्रम और समय जूना अखाड़े के समान रहेगा।
8. अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा
तीन बैरागी अखाड़ों में सबसे पहले अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा स्नान करेगा। यह अखाड़ा सुबह 9:40 बजे शिविर से प्रस्थान करेगा और 10:40 बजे घाट पर पहुंचेगा। स्नान के बाद यह 12:10 बजे वापस शिविर लौटेगा।
9. अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा
इसके बाद अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा 10:20 बजे शिविर से निकलेगा और 11:20 बजे घाट पर पहुंचेगा। इसे 50 मिनट का स्नान समय मिलेगा। स्नान के बाद यह 13:10 बजे वापस शिविर पहुंचेगा।
10. अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा
अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा 11:20 बजे शिविर से चलेगा और 12:20 बजे घाट पहुंचेगा। स्नान के बाद यह 12:50 बजे घाट से रवाना होकर 13:50 बजे शिविर लौटेगा।
11. नया उदासीन अखाड़ा
उदासीन अखाड़ों में सबसे पहले नया उदासीन अखाड़ा स्नान करेगा। यह अखाड़ा दोपहर 12:15 बजे शिविर से निकलेगा और 1:15 बजे घाट पर पहुंचेगा। स्नान के बाद यह 3:10 बजे शिविर लौटेगा।
12. नया उदासीन निर्वाण अखाड़ा
इसके बाद नया उदासीन निर्वाण अखाड़ा 1:20 बजे शिविर से प्रस्थान करेगा और 2:20 बजे घाट पर पहुंचेगा। स्नान के बाद यह 4:20 बजे शिविर लौटेगा।
13. श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा
सबसे आखिर में श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा स्नान करेगा। यह अखाड़ा 2:40 बजे शिविर से निकलेगा और 3:40 बजे घाट पर पहुंचेगा। स्नान के बाद यह 5:20 बजे वापस शिविर लौटेगा।
अमृत स्नान के लिए सुरक्षा व्यवस्था
महाकुंभ मेला प्रशासन ने अमृत स्नान के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। घाटों पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन ने घाटों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए खास योजना बनाई है। साथ ही, स्नान के दौरान घाटों पर किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा बलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
संगम क्षेत्र को दो हिस्सों में बांटा जाएगा
प्रशासन ने स्नान के दौरान संगम क्षेत्र को दो हिस्सों में बांटने का फैसला किया है। एक हिस्सा अखाड़ों के स्नान के लिए और दूसरा हिस्सा आम श्रद्धालुओं के लिए आरक्षित होगा। इससे भीड़ को नियंत्रित करने और स्नान को व्यवस्थित तरीके से कराने में मदद मिलेगी।
श्रद्धालुओं के लिए खास निर्देश
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन ने कुछ विशेष निर्देश जारी किए हैं। श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र में सुरक्षा नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। साथ ही, घाटों पर ज्यादा समय तक रुकने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने दीं शुभकामनाएं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मकर संक्रांति के पावन पर्व पर सभी को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह पर्व भगवान सूर्य के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर है। महाकुंभ के पहले अमृत स्नान के दिन लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं।
श्रद्धालुओं का उत्साह
महाकुंभ में अमृत स्नान के दिन श्रद्धालुओं का भारी उत्साह देखने को मिला। प्रशासन के अनुसार, सोमवार को लगभग 1.75 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में स्नान किया। देश-विदेश से आए श्रद्धालु इस पावन अवसर पर डुबकी लगाकर खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं।
महाकुंभ का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
महाकुंभ न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। यह भारत की आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक है। हर 12 साल में आयोजित होने वाला महाकुंभ देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है।