SHIMLA: शिमला के संजौली में मस्जिद निर्माण को लेकर हिंदू संगठनों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि, आज इलाके में इसे लेकर काफी शांति बनी हुई है, लेकिन तनाव अभी भी वैसे ही बरक़रार है। मस्जिद में हो रहा यह अवैध निर्माण 2007 से विवादों में है और फिलहाल यह मामला म्युनिसिपल कमिश्नर कोर्ट में लंबित है। इस मामले की अहम सुनवाई 7 सितंबर को होने वाली है, जिसके बाद आगे की स्थिति पूर्णरूप से साफ हो जाएगी ।
SHIMLA: झड़प बन गया बड़ा मुद्दा
शिमला के संजौली में मन्याला के मुकाबले मुस्लिम परिवारों की संख्या सबसे ज्यादा है। साधारण भाषा में कहे तो इस इलाके में सबसे ज्यादा मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं। जानकारी के मुताबिक, इसके अलावा मस्जिद निर्माण से जुड़ा विवाद लंबित है जिस पर 7 सितंबर को फैसला आने की भी संभावना है। स्थानीय लोगों ने बताया की विरोध प्रदर्शन का केंद्र इसलिए संजौली को बनाया गया। दो अलग-अलग समुदाय के लोगों के बीच हिंसक झड़प के बाद यह मुद्दा बड़ा बन गया है और अब हिन्दू संगठनों ने सरकार और प्रशासन को दो दिन का अल्टीमेटम दे दिया है।
उनका कहना है कि कोर्ट और प्रशासन इस पर जल्द निर्णय करे और अवैध निर्माण पर बुलडोज़र कार्रवाई की जाए नहीं तो इसका फैसला शिमला की जानता अपने हाथों कर देगी।हिन्दू संगठनों के इस अल्टीमेटम से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। मस्जिद के चारों तरफ पुलिस तैनाती कर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
SHIMLA: लोगों के बीच क्यों बना डर का माहौल
संजौली में गुरुवार को हुए विरोध प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को तनाव की स्थिति बनी हुई है, जिसके कारण मुस्लिम समुदाय के लोगों को मस्जिद में एकत्रित होने से परहेज करने के लिए कहा गया है। मस्जिद के मौलाना ने बताया कि नमाज़ अपने नियत समय पर ही होगी, लेकिन समुदाय के लोगों में डर का माहौल है। मौलाना शहज़ाद ने कहा कि यहां ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोग बाहर के राज्यों से आए हैं और वे इस घटना के कारण डरे और सहमे हुए हैं।
SHIMLA: मस्जिद के मौलाना ने क्या बताया ?
बातचीत में मस्जिद के मौलाना ने बताया कि कुछ कमियां जरूर रही हैं जिसके कारण आज भी लगातार मस्जिद पर विवाद होता है, लेकिन उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग भी अच्छे से जानते हैं कि यह मस्जिद पुराने समय से यहां पर है और हिमाचल की ही है। मौलाना ने लोगों से आपस में शांति और भाईचारा बनाए रखने की अपील भी की है।
SHIMLA: मामला कमिश्नर कोर्ट में लंबित
मस्जिद निर्माण से जुड़े विवाद का मामला फिलहाल म्युनिसिपल कमिश्नर कोर्ट में लंबित है, और इस लेकर शनिवार को अहम सुनवाई होनी है।जानकारी के मुताबिक, स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि फैसला उनकी मांग के अनुरूप रहा, तो विवाद आगे नहीं बढ़ेगा। हालांकि, अगर फैसला उनकी उम्मीदों के विपरीत हुआ, तो लोग भड़क सकते हैं और फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो सकता है। इसके अलावा, हिंदू संगठनों द्वारा दिए गए दो दिन के अल्टीमेटम की मियाद रविवार को समाप्त हो रही है, जिससे तनाव और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।