केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए एक बड़ी राहत योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत सड़क हादसों में घायल व्यक्तियों को कैशलेस ट्रीटमेंट की सुविधा दी जाएगी। यह योजना मार्च 2024 तक लागू की जाएगी और इसके तहत घायल व्यक्ति को ₹1.5 लाख तक का इलाज मुफ्त में मिलेगा। आइए जानते हैं इस योजना की पूरी जानकारी और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा इसके कार्यान्वयन की प्रक्रिया।
कैशलेस ट्रीटमेंट योजना क्या है?
यह एक ऐसी योजना है जिसके अंतर्गत सड़क दुर्घटना में घायल किसी भी व्यक्ति को अस्पताल में इलाज के लिए पैसे देने की जरूरत नहीं होगी। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि घायल व्यक्ति को अस्पताल में तुरंत चिकित्सा सुविधा मिले और उसका पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।
इस योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को समय पर और बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करना है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हर साल भारत में लाखों लोग सड़क दुर्घटनाओं में घायल होते हैं। समय पर इलाज न मिलने की वजह से कई लोगों की जान चली जाती है। इस योजना के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कोई भी घायल व्यक्ति इलाज से वंचित न रहे।
कौन होगा इस योजना का लाभार्थी?
इस योजना का लाभ देशभर में सड़क दुर्घटना में घायल किसी भी व्यक्ति को मिलेगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, यह योजना सभी नागरिकों के लिए है, चाहे वह भारतीय हो या विदेशी। योजना के तहत दुर्घटना स्थल से अस्पताल तक मरीज को लाने और अस्पताल में इलाज कराने का पूरा खर्च सरकार उठाएगी।
योजना कैसे काम करेगी?
कैशलेस ट्रीटमेंट योजना को लागू करने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के साथ साझेदारी की है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (ईडीएआर) एप्लिकेशन को एनएचए की लेनदेन प्रबंधन प्रणाली से जोड़ा जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि इस प्लेटफॉर्म के जरिए अस्पतालों को भुगतान किया जाएगा।
ईडीएआर एप्लिकेशन क्या है?
ईडीएआर (ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट) एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसे सड़क दुर्घटनाओं का रिकॉर्ड रखने और उपचार का प्रबंधन करने के लिए विकसित किया गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि इस एप्लिकेशन के जरिए पुलिस, अस्पताल और स्वास्थ्य एजेंसियां आपस में जुड़ी रहेंगी।
पायलट प्रोजेक्ट से मिली सफलता
इस योजना की शुरुआत मार्च 2024 में चंडीगढ़ से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हुई थी। इसके बाद इसे 6 अन्य राज्यों में भी लागू किया गया। पायलट प्रोजेक्ट का उद्देश्य सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को समय पर चिकित्सा सुविधा देना था। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट की सफलता के बाद सरकार ने इसे देशभर में लागू करने का फैसला किया है।
इलाज के लिए अधिकतम ₹1.5 लाख तक का कवर
इस योजना के तहत प्रत्येक घायल व्यक्ति को अधिकतम ₹1.5 लाख तक का इलाज मुफ्त में मिलेगा। इसमें प्राथमिक चिकित्सा से लेकर गंभीर चोटों के इलाज तक की सुविधा शामिल है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगर इलाज का खर्च ₹1.5 लाख से अधिक होता है तो बाकी का खर्च मरीज को खुद वहन करना होगा।
अस्पतालों की भूमिका
इस योजना के तहत सरकार विभिन्न अस्पतालों को सूचीबद्ध करेगी। ये अस्पताल दुर्घटना पीड़ितों का तुरंत इलाज शुरू करेंगे और बाद में उनका बिल सरकार के प्लेटफॉर्म पर अपलोड करेंगे। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार इन अस्पतालों को समय पर भुगतान करेगी।
पुलिस की भूमिका
पुलिस दुर्घटना की रिपोर्ट तैयार करेगी और ईडीएआर प्लेटफॉर्म पर अपलोड करेगी। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस रिपोर्ट के आधार पर ही अस्पतालों को भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा, पुलिस यह भी सुनिश्चित करेगी कि घायल व्यक्ति को समय पर अस्पताल पहुंचाया जाए।
ड्राइवर थकान को कम करने की योजना
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए कहा कि ड्राइवरों की थकान भी दुर्घटनाओं का बड़ा कारण है। सरकार वाणिज्यिक वाहन चालकों के लिए काम के घंटे तय करने के लिए श्रम कानूनों का अध्ययन कर रही है।
ड्राइवर प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना
देश में ड्राइवरों की कमी को दूर करने के लिए सरकार विशेष ड्राइवर प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करेगी। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि इन संस्थानों में वाणिज्यिक वाहन चालकों को सुरक्षित ड्राइविंग के गुर सिखाए जाएंगे।
वाहन कबाड़ नीति पर काम जारी
कार्यशाला के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि सरकार वाहन कबाड़ नीति को तेज़ी से लागू करने पर काम कर रही है। इस नीति का उद्देश्य पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हटाकर सड़क सुरक्षा और पर्यावरण को सुधारना है।
प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र 2.0 लागू होगा
सरकार पूरे देश में प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) 2.0 लागू करने की योजना बना रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि यह प्रमाणपत्र वाहन मालिकों को उनके वाहनों के प्रदूषण स्तर के बारे में जानकारी देगा और समय पर सुधार के उपाय सुझाएगा।
बीएस-7 मानदंड पर चर्चा
सरकार बीएस-7 मानदंडों को लागू करने की योजना बना रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इन मानदंडों का उद्देश्य वाहनों के प्रदूषण स्तर को और अधिक सख्ती से नियंत्रित करना है।
ई-रिक्शा सुरक्षा नियम
सरकार ई-रिक्शा चालकों की सुरक्षा के लिए विशेष नियम और दिशानिर्देश तैयार कर रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि ई-रिक्शा सुरक्षा के तहत ड्राइवरों को हेलमेट पहनने और ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार का लक्ष्य
सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को आधा कर दिया जाए। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इसके लिए सरकार सड़क सुरक्षा अभियान भी चला रही है।
योजना के फायदे
- सड़क दुर्घटना पीड़ितों को तुरंत चिकित्सा सुविधा मिलेगी।
- अस्पताल में भर्ती होने के लिए पैसे की चिंता नहीं होगी।
- सड़क सुरक्षा में सुधार होगा।
- सड़क पर समय पर मदद मिलने से जान बचाई जा सकेगी।
- ड्राइवर प्रशिक्षण और सुरक्षा मानकों में सुधार होगा।
योजना का भविष्य
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि सरकार इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सभी राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है। इसके अलावा, भविष्य में इस योजना के तहत इलाज की सीमा को भी बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
निष्कर्ष
कैशलेस ट्रीटमेंट योजना सड़क हादसों में घायल व्यक्तियों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की इस पहल से समय पर चिकित्सा सुविधा मिलने के साथ-साथ सड़क सुरक्षा में भी सुधार होगा। सरकार की यह पहल न केवल लोगों की जान बचाने में मदद करेगी बल्कि सड़क परिवहन को भी सुरक्षित बनाएगी।